ना पुष्पों के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
मन में साँचा प्यार,
और सीधा सा व्यवहार,
ना अहम का कोई विचार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे
जो पुष्प ना पास तुम्हारे,
वाणी को पुष्प बनालो,
पुष्पो के हार बनाकर,
चरणों में इनके चढ़ा दो,
खुश होकर मेरे बाबा,
कर लेंगे इसे स्वीकार।
ना पुष्पो के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
कृष्ण जी का प्यारा भजन: बांके बिहारी से प्यार है
जब श्याम कृपा हो जाती,
मिट्टी सोना बन जाती,
सोने में श्याम ना मिलते,
ये मीरा हस हस गाती,
महलो को उसने छोड़ा,
तब पाया श्याम का प्यार।
ना पुष्पो के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
बिहारी जी का मधुर भजन: वृन्दावन के ओ बांके बिहारी
सांवरिया उस घर मिलते,
जहा पुष्प प्रेम के खिलते,
दीनो के वेश में बाबा,
भक्तो से मिलने निकलते,
बाबा को वो ही पाए,
दीनो से करे जो प्यार।
ना पुष्पो के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
जो छल लेकर यहाँ आता,
वो खुद ही छला है जाता,
तेरी लीला अजब निराली,
तेरा भक्त ‘कुमार’ है गाता,
मेरे बाबा माफ़ करना,
बस देखो मेरा प्यार।
ना पुष्पो के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
सबसे सुपरहिट भजन: ऐसी लागी लगन
ना पुष्पों के हार,
ना सोने के दरबार,
ना चाँदी के श्रृंगार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
मन में साँचा प्यार,
और सीधा सा व्यवहार,
ना अहम का कोई विचार,
श्याम तो प्रेम के भूखे है,
श्याम तो प्रेम के भूखे है।।
Naa pushpon ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Man men saanchaa pyaar,
Owr siidhaa saa vyavahaar,
Naa aham kaa koii vichaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re
Jo pushp naa paas tumhaare,
Vaaṇii ko pushp banaalo,
Pushpo ke haar banaakar,
Charaṇon men inake chadhaa do,
Khush hokar mere baabaa,
Kar lenge ise sviikaara.
Naa pushpo ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
Lovely hymn of Krishna ji: Banke Bihari Se Pyar Hai
Jab shyaam kṛpaa ho jaatii,
Miṭṭii sonaa ban jaatii,
Sone men shyaam naa milate,
Ye miiraa has has gaatii,
Mahalo ko usane chhodaa,
Tab paayaa shyaam kaa pyaara.
Naa pushpo ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
Sweet hymn of Bihari ji: Vrindavan Ke O Banke Bihari
Saanvariyaa us ghar milate,
Jahaa pushp prem ke khilate,
Diino ke vesh men baabaa,
Bhakto se milane nikalate,
Baabaa ko vo hii paae,
Diino se kare jo pyaara.
Naa pushpo ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
Jo chhal lekar yahaan aataa,
Vo khud hii chhalaa hai jaataa,
Terii liilaa ajab niraalii,
Teraa bhakt ‘kumaara’ hai gaataa,
Mere baabaa maaf karanaa,
Bas dekho meraa pyaara.
Naa pushpo ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
Most Superhit Bhajans: Aisi Lagi Lagan
Naa pushpon ke haar,
Naa sone ke darabaar,
Naa chaandii ke shrṛngaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Man men saanchaa pyaar,
Owr siidhaa saa vyavahaar,
Naa aham kaa koii vichaar,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai,
Shyaam to prem ke bhuukhe hai..
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,
तुमसे ही है सारी उम्मीदें,
तुम ही लोगे खबर,
सब कहते है अपने भगत की,
श्याम हमेशा पत रखता है,
हारे का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है।।
खाटू श्याम को अर्जी लगाने वाला भजन: तेरे द्वार खड़ा
जग से रिश्ता तोड़ दिया है,
तुझसे नाता जोड़ लिया है,
तुझको ही माना साथी अपना,
तुझपे ही सबकुछ छोड़ दिया है,
तेरी दया से मेरा दीपक,
तूफानों में भी जलता है,
हारें का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है।।
कलयुग की सरकार तू ही है,
जीवन का आधार तू ही है,
क्यों भटकूं मैं दर दर जाकर,
श्याम मेरा संसार तू ही है,
तेरी कृपा का हाथ है जबसे,
हर संकट खुद ही टलता है,
हारें का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है।।
संजय मित्तल का सुपरहिट श्याम भजन: बाबा बहुत बड़ा है
हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,
तुमसे ही है सारी उम्मीदें,
तुम ही लोगे खबर,
सब कहते है अपने भगत की,
श्याम हमेशा पत रखता है,
हारे का सहारा मेरा श्याम,
हमेशा मेरी लाज रखता है।।
Haar ke aayaa main jag saaraa,
Terii chowkhaṭ par,
Tumase hii hai saarii ummiiden,
Tum hii loge khabar,
Sab kahate hai apane bhagat kii,
Shyaam hameshaa pat rakhataa hai,
Haare kaa sahaaraa meraa shyaam,
Hameshaa merii laaj rakhataa hai..
Hymn invoking Khatu Shyam: Tere Dwar Khada
Jag se rishtaa tod diyaa hai,
Tujhase naataa jod liyaa hai,
Tujhako hii maanaa saathii apanaa,
Tujhape hii sabakuchh chhod diyaa hai,
Terii dayaa se meraa diipak,
Tuuphaanon men bhii jalataa hai,
Haaren kaa sahaaraa meraa shyaam,
Hameshaa merii laaj rakhataa hai..
Kalayug kii sarakaar tuu hii hai,
Jiivan kaa aadhaar tuu hii hai,
Kyon bhaṭakuun main dar dar jaakar,
Shyaam meraa samsaar tuu hii hai,
Terii kṛpaa kaa haath hai jabase,
Har sankaṭ khud hii ṭalataa hai,
Haaren kaa sahaaraa meraa shyaam,
Hameshaa merii laaj rakhataa hai..
Sanjay Mittal's Superhit Shyam Bhajan: Baba Bahut Bada Hai
Haar ke aayaa main jag saaraa,
Terii chowkhaṭ par,
Tumase hii hai saarii ummiiden,
Tum hii loge khabar,
Sab kahate hai apane bhagat kii,
Shyaam hameshaa pat rakhataa hai,
Haare kaa sahaaraa meraa shyaam,
Hameshaa merii laaj rakhataa hai..
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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तेरा दर मिल गया मुझको,
सहारा हो तो ऐसा हो,
तेरी कृपा से चलता है,
गुज़ारा हो तो ऐसा हो।
बाबा खाटू श्याम का सबसे मीठा भजन: उसे आना पड़ेगा खाटू में दुबारा
जमाने में नहीं देखी,
कोई सरकार इन जैसी,
हमें ये नाज है मालिक,
हमारा हो तो ऐसा हो।
ये हर दिल की तमन्ना है,
तेरी चौखट पे दम निकले,
रहे तू सामने मेरे,
नज़ारा हो तो ऐसा हो।
श्याम बाबा का सबसे बढ़िया भजन: देखे ताज क़ुतुब मीनार
किसी ने नौकरी माँगी,
किसी ने चाकरी माँगी,
मेरा तो बाप ही तू है,
सितारा हो तो ऐसा हो।
गया ना लौटकर खाली,
जो आया माँगने तुमसे,
दिया औकात से ज़्यादा,
द्वारा हो तो ऐसा हो।
मन को मोह लेने वाला भजन: महफ़िल है श्याम आपकी
तेरा दर मिल गया मुझको,
सहारा हो तो ऐसा हो,
तेरी कृपा से चलता है,
गुज़ारा हो तो ऐसा हो।
Teraa dar mil gayaa mujhako,
Sahaaraa ho to aisaa ho,
Terii kṛpaa se chalataa hai,
Guzaaraa ho to aisaa ho.
Sweetest Bhajan of Baba Khatu Shyam: Usse Aana Padega Khatu Mein Dobara
Jamaane men nahiin dekhii,
Koii sarakaar in jaisii,
Hamen ye naaj hai maalik,
Hamaaraa ho to aisaa ho.
Ye har dil kii tamannaa hai,
Terii chowkhaṭ pe dam nikale,
Rahe tuu saamane mere,
Nazaaraa ho to aisaa ho.
Best Bhajan of Shyam Baba: Dekhe Taaj Aur Kutub Minaar
Kisii ne nowkarii maangii,
Kisii ne chaakarii maangii,
Meraa to baap hii tuu hai,
Sitaaraa ho to aisaa ho.
Gayaa naa lowṭakar khaalii,
Jo aayaa maangane tumase,
Diyaa owkaat se zyaadaa,
Dvaaraa ho to aisaa ho.
Mind-blowing hymns: Mahfil Hai Shyam Aapki
Teraa dar mil gayaa mujhako,
Sahaaraa ho to aisaa ho,
Terii kṛpaa se chalataa hai,
Guzaaraa ho to aisaa ho.
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बात महाभारत काल की है जब कौरव और पांडवो में भीषण युद्ध चल रहा था, और युद्ध में श्री कृष्ण का साथ पाकर पांडव युद्ध में विजय की स्थिति में थे, अपनी पराजय की स्थिति देखकर कौरव सेना हतोत्साहित हो रही थी, उन्हें किसी ऐसे महान योद्धा की आवश्यकता थी जो पलक झपकते ही युद्ध की स्थिति को बदलने की शक्ति रखता हो लेकिन उन्हें ऐसा कोई योद्धा नहीं मिल रहा था,
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तभी एक दिन घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने यह घोषणा कर दी कि महाभारत के युद्ध में जो भी पक्ष पराजय की तरफ जा रहा होगा मैं उसके तरफ से युद्ध में भाग लूंगा, क्योंकि बर्बरीक की माता ने उन्हें को हमेशा यही सिखाया था कि तुम्हें हमेशा कमजोरो का ही साथ देना चाहिए और युद्ध में जो पराजय हो रहा हो वही कमजोर होता हैं, अपनी माता के सिखाएं हुए ज्ञान की वजह से बर्बरीक कौरवों का साथ देने के लिए मजबूर थे,
बर्बरीक इतने शक्तिशाली थे कि यदि वो कौरवों की तरफ से युद्ध में भाग लेते पांडवों का हारना निश्चित था, और जब पांडव हार रहे होते हैं तो बर्बरीक को पांडव का साथ देना पड़ता, इसी तरह से महाभारत का युद्ध जीवन भर चलता ही रहता और यह कभी खत्म ही नहीं होता, बर्बरीक को इतना शक्तिशाली इसलिए माना जाता था क्योंकि उनके पास तीन मायावी तीर थे, जिसे उनकी माता ने उनकी भक्ति से खुश होकर उन्हें वरदान में दिया था,
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तीर इतनी शक्तिशाली थे कि बर्बरीक चाहते तो सिर्फ एक ही तीर में पूरे महाभारत युद्ध को समाप्त कर सकते थे, ये बात जब श्री कृष्ण को पता चली तो वह काफी चिंतित हो गए,,क्योंकि पांडव धर्म के साथ थे और धर्म का विजय होना बहुत आवश्यक था, इसलिए वह बर्बरीक के पास गए और उसे समझाया कि मैंने आपके तीरंदाजी की अनेक कथाएं सुनी है क्या आप मुझे भी कुछ दिखा सकते हैं, इस पर बर्बरीक ने श्री कृष्ण के सामने हाथ जोड़ें और उत्तर दिया अवश्य माधव किंतु आप क्या देखना चाहते हैं, आप स्वयं बता दीजिए, इस पर श्री कृष्ण जवाब देते हैं यदि आप इस पेड़ के सभी पत्ते में अपने सिर्फ एक बाण से छेद कर दें तो मैं जानू
इतना सुनने के बाद बर्बरीक अपने तरकश से एक तीर निकालते हैं और तीर चला देते हैं, बर्बरीक का सिर्फ एक तीर बिना पेड़ की टहनियों काटे सभी पत्ते में छेद करता जा रहा था, इसी बीच श्रीकृष्ण ने उस पेड़ के एक पत्ते को अपने पैर के नीचे जानबूझकर छुपा लिया, लेकिन श्री कृष्ण तब हैरान हो गए जब उन्होंने देखा कि वो तीर सभी पत्तों में छेद करने के बाद श्री कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया है,और वहां से हटने का नाम नहीं ले रहा है, तभी बर्बरीक श्री कृष्ण के सामने हाथ जोड़ते हैं और कहते हैं कि हे माधव मैंने अपने तीर को केवल पत्तो में छेद करने का आदेश दिया है, इसलिए कृपया करके पत्ते के ऊपर से आप पैर हटा लीजिए, और जैसे ही श्री कृष्ण पत्ते के ऊपर से पैर हटाते हैं वैसे ही वो तीर पत्ते में छेद कर वापस बर्बरीक के पास लौट जाता है, यह देखने के बाद श्री कृष्ण और घबरा जाते हैं कि यदि बर्बरीक ने युद्ध में कौरवों की तरफ से भाग लिया तो पांडवों की पराजय तो निश्चित है
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जिसके बाद श्री कृष्ण बर्बरीक को युद्ध की स्थिति से अवगत कराते हैं और धर्म अधर्म का ज्ञान देकर उनसे युद्ध में भाग न लेने की विनती करते है, पर बर्बरीक कहता है कि मैंने अपनी माता को वचन दिया है इसलिए युद्ध में जो भी हार रहा होगा मैं उसका साथ अवश्य दूंगा, कोई उपाय ना देखकर श्री कृष्ण वहां से चले जाते हैं और अगले दिन ब्राह्मण का भेष बनाकर बर्बरीक के पास आते हैं, और दान में उनका सिर मांग लेते हैं,
कहा जाता है कि बर्बरीक श्री कृष्ण को पहचान गए थे, पर उन्होंने धर्म की विजय हेतु खुशी के साथ अपने सिर को काट कर श्रीकृष्ण को दे दिया था, जिससे प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने उन्हें कलयुग में खाटू श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।
It is a matter of Mahabharata period when a fierce war was going on between Kauravas and Pandavas, and Pandavas were in a position of victory in the war by having the support of Shri Krishna, the Kaurava army was getting discouraged seeing the condition of their defeat, they did not want any such great warrior. There was a need for a warrior who had the power to change the course of the war in the blink of an eye, but he could not find such a warrior.
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Then one day Barbarik, the son of Ghatotkach, announced that I will participate in the war on behalf of whichever side is going towards defeat in the war of Mahabharata, because Barbarik's mother had always taught him that you should always be weak. One should support only those who are defeated in the war, only they are weak, due to the knowledge taught by their mother, Barbarika was forced to support the Kauravas.
Barbarika was so powerful that if he participated in the war on the side of Kauravas, Pandavas were certain to lose, and when Pandavas were losing, Barbarika would have to side with Pandavas, in the same way the war of Mahabharata would go on for life and this Never ending, Barbarik was considered so powerful because he had three elusive arrows, which his mother, pleased with his devotion, had given him as a boon,
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The arrows were so powerful that if Barbarik wanted, he could end the entire Mahabharata war with just one arrow, when Shri Krishna came to know this, he became very worried, because the Pandavas were with Dharma and the victory of Dharma was very important. It was necessary, so he went to Barbarik and explained to him that I have heard many stories of your archery, can you show me something, on this Barbarik folded his hands in front of Shri Krishna and replied of course Madhav but what do you want to see Yes, you tell yourself, on this Shri Krishna replies, if you pierce all the leaves of this tree with just one of your arrows, then I will know,
After listening to this, Barbarik takes out an arrow from his quiver and shoots the arrow, only one arrow of Barbarik was piercing all the leaves without cutting the branches of the tree, meanwhile Shri Krishna took a leaf of that tree with his foot. Deliberately hid below, but Shri Krishna was surprised when he saw that the arrow stopped near Shri Krishna's feet after piercing all the leaves, and was not taking the name of moving from there, then barbaric Shri folds hands in front of Krishna and says that O Madhav I have ordered my arrow to pierce only the leaves, so please remove your feet from the top of the leaf, and as soon as Shri Krishna removes the feet from the top of the leaf Similarly, the arrow pierces the leaf and returns to Barbarik, after seeing this, Shri Krishna gets more nervous that if Barbarik participated in the war on the side of the Kauravas, then the defeat of the Pandavas is certain.
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After which Shri Krishna informs Barbarik about the situation of war and by giving knowledge of religion and unrighteousness, he pleads with him not to participate in the war, but Barbarik says that I have promised my mother, so whoever is losing in the war I will definitely support him, seeing no solution, Shri Krishna leaves from there and the next day disguises as a Brahmin, comes to Barbarik, and asks for his head in charity.
It is said that Barbarik had recognized Shri Krishna, but for the victory of Dharma, he happily cut his head and gave it to Shri Krishna, pleased with which Shri Krishna blessed him to be worshiped in the name of Khatu Shyam in Kalyug. Had given.
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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तू मेरा दाता है तू मेरा रहबर है
मेरी इस कहानी का तू हीरो है
ये तेरी कृपा ही है वरना अपनी तक़दीर तो जीरो है
संजय मित्तल का सुपरहिट श्याम भजन: बाबा बहुत बड़ा है
मेरे इस जीवन का प्रभु सार तुम्ही हो आधार तुम्ही हो
मेरे भीतर का कलाकार तुम्ही हो
जिस धरा मेरी हर स्वांस बहती वो धार तुम्ही हो
मेरे दिल में बसता है जो प्यार तुम्ही हो
साड़ी दुनिया कुछ भी समझे मैं तो बस इतना जानू
तू मेरा दाता है तू मेरा रहबर है ...........
जिस रुतबे से जीते है वो शान है तुमसे पहचान है तुमसे
बुझे बुझे चेहरों पे मुस्कान है तुमसे
जिस दम पे हमने ये आसमान छुआ है वो उड़ान है तुमसे
मुझमे जो भी अच्छा है वो श्याम है तुमसे
सबके चेहरों पे परदे हैं परदे का सच तू जाने
तू मेरा दाता है तू मेरा रहबर है ......
सबसे ज्यादा सुना जानेवाला भजन: निगेहबाँ
खुद से ज़्यादा तू मेरा मान रखता है सम्मान रखता है
सब तू ही करता मेरा नाम करता है
अपनों से भड़कर मेरा तू ध्यान रखता है सुबह शाम रखता है
सोनू तेरे रेहमत को प्रणाम करता है
जग वो देखे जो तू दिखाए सच क्या है ये मैं जानू
तू मेरा दाता है तू मेरा रहबर है ..........
too mera daata hai too mera rahabar hai
meri is kahaani ka too heero hai
ye teri kripa hi hai varana apani takadeer to jeero hai
Sanjay Mittal's Superhit Shyam Bhajan: Baba Bahut Bada Hai
mere is jeevan ka prbhu saar tumhi ho aadhaar tumhi ho
mere bheetar ka kalaakaar tumhi ho
jis dhara meri har svaans bahati vo dhaar tumhi ho
mere dil me basata hai jo pyaar tumhi ho
saadi duniya kuchh bhi samjhe mainto bas itana jaanoo
too mera daata hai too mera rahabar hai ...
jis rutabe se jeete hai vo shaan hai tumase pahchaan hai tumase
bujhe bujhe cheharon pe muskaan hai tumase
jis dam pe hamane ye aasamaan chhua hai vo udaan hai tumase
mujhame jo bhi achchha hai vo shyaam hai tumase
sabake cheharon pe parade hain parade ka sch too jaane
too mera daata hai too mera rahabar hai ...
Most Listened Bhajan: Nigehbaan
khud se zayaada too mera maan rkhata hai sammaan rkhata hai
sab too hi karata mera naam karata hai
apanon se bhadakar mera too dhayaan rkhata hai subah shaam rkhata hai
sonoo tere rehamat ko pranaam karata hai
jag vo dekhe jo too dikhaae sch kya hai ye mainjaanoo
too mera daata hai too mera rahabar hai ...
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
परवाह नहीं है चाहे जग सारा रूठे रे,
ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
मन को मोह लेने वाला भजन: महफ़िल है श्याम आपकी
मस्ती में हु मस्तानी हो गई मलंग मैं,
रंग गये अपने सँवारे की रंग में,
प्यार की ये पावन डोरी कभी ना ही टूटे रे,
ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
जितने है रिश्ते नाते सारे ही मैं तोड़ दू,
तुम ही बताओ कैसे खाटू आना छोड़ दू,
खाटू न छुड़वाना तू सांसे चाहे छूटे रे,
ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
खाटू श्याम को अर्जी लगाने वाला भजन: तेरे द्वार खड़ा
ग्यारस तेरी बाबा खाटू जो मैं आउ
जी करता है फिर लौट के न जाऊ,
रिश्ता बना है जो कभी नाही टूटे रे,
ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
अब तो यही पी जीना और है मरना,
चरणों से तेरे बाबा दूर नहीं करना,
कितना ही चाहे योगी तू न कभी रूठे रे,
ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे,
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
Parwah Nahi Hai Chahe Jag Saara Roothe Re
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
Mind-blowing hymns: Mahfil Hai Shyam Aapki
Masti Mein Ho Mastaani Ho Gayi Malang Main
Rang Gayi Apne Sanwre Ke Rang Mein
Pyar Ki Ye Paavan Dori Kabhi Na Hi Toote Re
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
Jitne Hain Rishte Naate Saare Hi Main Toda Doon
Tum Hi Batao Kaise Khatu Aana Chhod Doon
Khatu Na Chhudwana Tu Saansein Chaahe Chhoote Re
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
Hymn invoking Khatu Shyam: Tere Dwar Khada
Gyaras Teri Baba Khatu Main Jo Aaun
Jee Karta Hai Phir Laut Ke Na Jaaun
Rishta Bana Hai Jo Ye Kabhi Na HI Toote Re
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
Ab To Yahin Pe Jeena Aur Hai Marna
Charno Se Tere Baba Door Nahi Karna
Itna Hi Chaahe Yogi Tu Na Kabhi Roothe Re
O Sanwre Tera Khatu Na Chhoote Re
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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खाटू ना आऊँ तो जी घबराता है,
देख के तुझको दिल को मेरे चैन आता है,
ये तेरी कृपा है तू ही बुलाता है
देख के तुझको दिल को मेरे चैन आता है,
बाबा खाटू श्याम का सबसे मीठा भजन: उसे आना पड़ेगा खाटू में दुबारा
चाँद ओर सितारे फूल और नज़ारे,
लगते नही है अब हमको प्यारे,
जब से निहारी सूरत तुम्हारी,
टैब से चढ़ी हैं तेरी खुमारी,
तेरे सिवा न कोई मुझको भाता है,
देख के तुझको....
कैसी भी मुश्किल केसी भी उलझन,
घेरे उदासी बोझ सा हो मन,
आके यहाँ में सब भूल जाता,
रोता हुआ दिल फिर मुस्कराता,
भगतो पे इतना तू प्यार लुटाता है,
देख के तुझको....
श्याम बाबा का सबसे बढ़िया भजन: देखे ताज क़ुतुब मीनार
जब से मिला है दर ये तुम्हारा,
तब से बना में सबका ही प्यारा,
आनंद को आनंद मिलता यहाँ है,
खाटू सी मस्ती बोलो कहा है,
इसीलिए तो सोनू दर पे आता है,
khatu na aaoon to ji ghabaraata hai,
dekh ke tujhako dil ko mere chain aata hai
ye teri kripa hai too hi bulaata hai
dekh ke tujhako dil ko mere chain aata hai
Sweetest Bhajan of Baba Khatu Shyam: Usse Aana Padega Khatu Mein Dobara
chaand or sitaare phool aur nazaare,
lagate nahi hai ab hamako pyaare,
jab se nihaari soorat tumhaari,
taib se chadahi hain teri khumaari,
tere siva n koi mujhako bhaata hai,
dekh ke tujhako...
kaisi bhi mushkil kesi bhi uljhan,
ghere udaasi bojh sa ho man,
aake yahaan me sab bhool jaata,
rota hua dil phir muskaraata,
bhagato pe itana too pyaar lutaata hai,
dekh ke tujhako...
Best Bhajan of Shyam Baba: Dekhe Taaj Aur Kutub Minaar
jab se mila hai dar ye tumhaara,
tab se bana me sabaka hi pyaara,
aanand ko aanand milata yahaan hai,
khatu si masti bolo kaha hai,
iseelie to sonoo dar pe aata hai,
dekh ke tujhako...
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।
तुमसे ही प्रीत मेरी,
तू ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है,
बस इतना ही मुझे कहना है,
तेरे चरणों में ही रहना है,
सांवरे तू वादा कर,
सांवरिया तू वादा कर,
मेरा हाथ ना छोड़ेगा,
तू मेरा मैं तेरा,
कभी साथ ना छोड़ेगा
तुमसे हीं प्रीत मेरी,
तु ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है।।
राधा रानी जी का मनमोहक भजन: झूला झूलो री राधे रानी
उस ताल में नाचूंगा,
जिस ताल नचाए तू,
उस हाल में रह लूंगा,
जिस हाल मैं चाहे तू,
तेरे हाथ ये डोरी है,
प्रभु हम कठपुतली है,
तेरे बिन जीवन मेरा,
जैसे जल बिन मछली है,
बस इतना ही मुझे कहना है,
तेरे चरणों में ही रहना है,
सांवरे तू वादा कर,
सांवरिया तू वादा कर,
मेरा हाथ ना छोड़ेगा,
तू मेरा मैं तेरा,
कभी साथ ना छोड़ेगा
तुमसे हीं प्रीत मेरी,
तु ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है।।
तेरे साथ बिना प्यारे,
कुछ कर नहीं पाऊंगा,
गर रूठ गया जो तू,
तो मैं मर जाऊंगा,
मेरे जीवन की बाबा,
इतनी सी हकीकत है,
सांसो से भी ज्यादा,
मुझे तेरी जरूरत है,
बस इतना ही मुझे कहना है,
तेरे चरणों में ही रहना है,
सांवरे तू वादा कर,
सांवरिया तू वादा कर,
मेरा हाथ ना छोड़ेगा,
तू मेरा मैं तेरा,
कभी साथ ना छोड़ेगा
तुमसे हीं प्रीत मेरी,
तु ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है।।
साध्वी पूर्णिमा जी का सबसे सुन्दर भजन: मुझे अपने ही रंग में रंग ले
तुमसे ही प्रीत मेरी,
तू ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है,
बस इतना ही मुझे कहना है,
तेरे चरणों में ही रहना है,
सांवरे तू वादा कर,
सांवरिया तू वादा कर,
मेरा हाथ ना छोड़ेगा,
तू मेरा मैं तेरा,
कभी साथ ना छोड़ेगा
तुमसे ही प्रीत मेरी,
तु ही सच्चा यारा है,
तेरा साथ प्रभु मुझको,
हर साथ से प्यारा है।।
Tumase hii priit merii,
Tuu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai,
Bas itanaa hii mujhe kahanaa hai,
Tere charaṇon men hii rahanaa hai,
Saanvare tuu vaadaa kar,
Saanvariyaa tuu vaadaa kar,
Meraa haath naa chhodegaa,
Tuu meraa main teraa,
Kabhii saath naa chhodegaa
Tumase hiin priit merii,
Tu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai..
Beautiful Bhajan of Radha Rani Ji: Jhula Jhulo Ri Radhe Rani
Us taal men naachuungaa,
Jis taal nachaae tuu,
Us haal men rah luungaa,
Jis haal main chaahe tuu,
Tere haath ye ḍorii hai,
Prabhu ham kaṭhaputalii hai,
Tere bin jiivan meraa,
Jaise jal bin machhalii hai,
Bas itanaa hii mujhe kahanaa hai,
Tere charaṇon men hii rahanaa hai,
Saanvare tuu vaadaa kar,
Saanvariyaa tuu vaadaa kar,
Meraa haath naa chhodegaa,
Tuu meraa main teraa,
Kabhii saath naa chhodegaa
Tumase hiin priit merii,
Tu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai..
Tere saath binaa pyaare,
Kuchh kar nahiin paauungaa,
Gar ruuṭh gayaa jo tuu,
To main mar jaauungaa,
Mere jiivan kii baabaa,
Itanii sii hakiikat hai,
Saanso se bhii jyaadaa,
Mujhe terii jaruurat hai,
Bas itanaa hii mujhe kahanaa hai,
Tere charaṇon men hii rahanaa hai,
Saanvare tuu vaadaa kar,
Saanvariyaa tuu vaadaa kar,
Meraa haath naa chhodegaa,
Tuu meraa main teraa,
Kabhii saath naa chhodegaa
Tumase hiin priit merii,
Tu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai..
The most beautiful bhajan of Sadhvi Purnima ji: Mujhe Apne Hi Rang Me Rang Le
Tumase hii priit merii,
Tuu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai,
Bas itanaa hii mujhe kahanaa hai,
Tere charaṇon men hii rahanaa hai,
Saanvare tuu vaadaa kar,
Saanvariyaa tuu vaadaa kar,
Meraa haath naa chhodegaa,
Tuu meraa main teraa,
Kabhii saath naa chhodegaa
Tumase hii priit merii,
Tu hii sachchaa yaaraa hai,
Teraa saath prabhu mujhako,
Har saath se pyaaraa hai..
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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मेला ये श्याम दा आया वे,
चल मेले नूं चलिए,
मेला ये मन नूं भाया वे,
चल मेले नूं चलिए।
भादो मज़ा न देगा,
सावन मज़ा ना देगा।
तेरे बगैर बाबा,
फागण मज़ा ना देगा।
श्याम बाबा का सबसे बढ़िया भजन: खाटू के राजा
ये पूरे बारह महीने,
हम टक टकी लगाए,
कब आएगा ये फागण,
ऊँगली पे गिनते जाए।
मिलने का इससे अच्छा,
मौका कहा मिलेगा,
भादो मज़ा न देगा,
सावन मज़ा ना देगा।
तेरे बगैर बाबा,
फागण मज़ा ना देगा।
खाटू को छोड़ बाबा,
फागण कहा बिताएं,
मेले में तुमसे मिलकर,
इस दिल को चैन आये,
तेरे बिना ये मेला,
मेले सा ना लगेगा,
भादो मज़ा न देगा,
सावन मज़ा ना देगा।
तेरे बगैर बाबा,
फागण मज़ा ना देगा।
Mela Ye Shyaam Da Aaya Ve,
Chal Mele Noon Chalie,
Mela Ye Man Noon Bhaaya Ve,
Chal Mele Noon Chalie.
Bhaado Maza Na Dega,
Saavan Maza Na Dega.
Tere Bagair Baaba,
Phaagan Maza Na Dega.
Best Bhajan of Shyam Baba: Khatu Ke Raja
Ye Poore Baarah Maheene,
Ham Tak Takee Lagae,
Kab Aaega Ye Phaagan,
Oongalee Pe Ginate Jae.
Milane Ka Isase Achchha,
Mauka Kaha Milega,
Bhaado Maza Na Dega,
Saavan Maza Na Dega.
Tere Bagair Baaba,
Phaagan Maza Na Dega.
Khaatoo Ko Chhod Baaba,
Phaagan Kaha Bitaen,
Mele Mein Tumase Milakar,
Is Dil Ko Chain Aaye,
Tere Bina Ye Mela,
Mele Sa Na Lagega,
Bhaado Maza Na Dega,
Saavan Maza Na Dega.
Tere Bagair Baaba,
Phaagan Maza Na Dega.
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराए,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराये।
कन्हैया मित्तल का सुपरहिट श्याम भजन: मैं हारा नहीं हूं
रंग रंगीला फागण मेला,
मेरे मन को भाए,
रात या दिन हो हरपल मुझको,
तेरी याद ही आए,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आये,
श्री श्याम ध्वजा लहराये।
उनके दरश को हरपल मेरी,
अँखियाँ तरस रही है,
शुभम रूपम फागण की मस्ती,
हम पर बरस रही है,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आये,
श्री श्याम ध्वजा लहराये।
खाटू श्याम जी का सबसे शक्तिशाली भजन: शुकर करूँ तेरा खाटूवाले
जब फागण मेला आये,
श्री श्याम ध्वजा लहराये,
कोई ये तो बताए,
मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यूँ मचला जाए,
जब फागण मेला आये,
श्री श्याम ध्वजा लहराये।
Jab phaagaṇ melaa aae,
Shrii shyaam dhvajaa laharaae,
Koii ye to bataae,
Mujhe ye kyaa huaa hai,
Meraa dil kyuun machalaa jaae,
Jab phaagaṇ melaa aae,
Shrii shyaam dhvajaa laharaaye.
Superhit Shyam Bhajan of Kanhaiya Mittal: Main Hara Nahin Hoon
Rang rangiilaa phaagaṇ melaa,
Mere man ko bhaae,
Raat yaa din ho harapal mujhako,
Terii yaad hii aae,
Koii ye to bataae,
Mujhe ye kyaa huaa hai,
Meraa dil kyuun machalaa jaae,
Jab phaagaṇ melaa aaye,
Shrii shyaam dhvajaa laharaaye.
Unake darash ko harapal merii,
Ankhiyaan taras rahii hai,
Shubham ruupam phaagaṇ kii mastii,
Ham par baras rahii hai,
Koii ye to bataae,
Mujhe ye kyaa huaa hai,
Meraa dil kyuun machalaa jaae,
Jab phaagaṇ melaa aaye,
Shrii shyaam dhvajaa laharaaye.
Most Powerful Bhajan of Khatu Shyam Ji: Shukar Karun Tera Khatuwale
Jab phaagaṇ melaa aaye,
Shrii shyaam dhvajaa laharaaye,
Koii ye to bataae,
Mujhe ye kyaa huaa hai,
Meraa dil kyuun machalaa jaae,
Jab phaagaṇ melaa aaye,
Shrii shyaam dhvajaa laharaaye.
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
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