हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय लिरिक्स | Haath Jod Vinatee Karoon Lyrics.
हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय,
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,
धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान,
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण ||
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
श्याम श्याम तो मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण,
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम,
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम,
फाल्गुन शुक्ला मेला भरे जय जय बाबा श्याम ||
फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भारी होय,
बाबा के दरबार से खाली जाये न कोय,
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम,
लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम ||
पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर,
सब भक्तो की विनती दर्शन देवो हुजूर,
आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान,
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान ||
हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय,
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,
धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान,
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण ||
बोलिये हारे के सहारे की जय ||
लीले के असवार की जय ||
खाटू नरेश की जय ||
Haath Jod Vinatee Karoon Lyrics. हाथ जोड़ विनती करूँ सुणियों चित्त लगाय लिरिक्स |
Haath Jod Vinatee Karoon Suniyon Chitt Lagaay,
Daas Aa Gayo Sharan Mein Rakhiyo Isakee Laaj,
Dhany Dhoondhaaro Desh Hain Khaatoo Nagar Sujaan,
Anupam Chhavi Shree Shyaam Kee Darshan Se Kalyaan..
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
Shyaam Shyaam To Main Ratoon Shyaam Hai Jeevan Praan,
Shyaam Bhakt Jag Mein Bade Unako Karoon Pranaam,
Khaatoo Nagar Ke Beech Mein Banyo Aapako Dhaam,
Phaalgun Shukla Mela Bhare Jay Jay Baaba Shyaam..
Phaalgun Shukla Dvaadashee Utsav Bhaaree Hoy,
Baaba Ke Darabaar Se Khaalee Jaaye Na Koy,
Uma Pati Lakshmee Pati Seeta Pati Shree Raam,
Lajja Sab Kee Rakhiyo Khaatoo Ke Baaba Shyaam..
Paan Supaaree Ilaayachee Ittar Sugandh Bharapoor,
Sab Bhakto Kee Vinatee Darshan Devo Hujoor,
Aaloo Sinh To Prem Se Dhare Shyaam Ko Dhyaan,
Shyaam Bhakt Paave Sada Shyaam Krpa Se Maan..
Haath Jod Vinatee Karoon Suniyon Chitt Lagaay,
Daas Aa Gayo Sharan Mein Rakhiyo Isakee Laaj,
Dhany Dhoondhaaro Desh Hain Khaatoo Nagar Sujaan,
Anupam Chhavi Shree Shyaam Kee Darshan Se Kalyaan..
Boliye Haare Ke Sahaare Kee Jay.
Leele Ke Asavaar Kee Jay.
Khaatoo Naresh Kee Jay.
Boliye Haare Ke Sahaare Kee Jay.
Leele Ke Asavaar Kee Jay.
Khaatoo Naresh Kee Jay.
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है लिरिक्स | Wo Kaun Hai Jisne Hamko Di Pehchaan Hai Lyrics.
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है,
जिसकी रहमत से होता हर एक काम है,
जिसकी रहमत से होता हर एक काम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
हर चाहत पूरी कर दी,
दिल की आवाज को सुनकर,
फूलों की सेज सजा दी,
राहों से कांटे चुनकर,
ये किसकी कृपा से,
हर सुख हर आराम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
मुझे याद है बीते दिन वो,
जब खुशियां थी ओझल सी,
हर दिन था दुःख से मिलना,
हर घड़ियाँ थी मुश्किल सी,
फिर किसने आकर,
उनको दिया विराम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
कंकर को मोती कर दे,
पत्थर में फूल खिलाए,
इस जग में एक ही है जो,
मिटटी में नाव चलाए,
वो कौन है जो गिरते को,
लेता थाम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
हमने तो वो भी पाया,
जो ना था हमारे हक़ में,
‘सोनू’ का नाम लिखा है,
तुमने ही आज फलक में,
ये किसकी बदौलत,
चेहरे पर मुस्कान है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है,
जिसकी रहमत से होता हर एक काम है,
जिसकी रहमत से होता हर एक काम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है,
वो कौन हैं जिसने हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ||
Wo Kaun Hai Jisne Hamko Di Pehchaan Hai Lyrics. वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है लिरिक्स |
Wo Kaun Hai Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai,
Jiski Rahmat Se Hota Har Ek Kaam Hai,
Jiski Rahmat Se Hota Har Ek Kaam Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
Har Chaahat Puri Kar Di,
Dil Ki Aawaaz Ko Sun Kar,
Phoolon Ki Sej Saja Di,
Raahon Se Kaante Chun Kar,
Ye Kiski Kripa Se,
Har Sukh Har Aaram Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
Mujhe Yaad Hai Beete Din Wo,
Jab Khushiyan Thi Ojhal Si,
Har Din Tha Dukh Se Milna,
Har Ghadiyan Thi Mushkil Si,
Phir Kisne Aakar,
Unko Diya Viraam Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
Kankar Ko Moti Kar De,
Patthar Mein Phool Khilaaye,
Is Jag Mein Ek Hi Hai Jo,
Mitti Mein Naav Chalaaye,
Wo Kaun Hai Jo Girte Ko,
Leta Thaam Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
Hamne To Wo Bhi Paaya,
Jo Na Tha Hamare Haq Mein,
'Sonu' Ka Naam Likha Hai,
Tumne Hi Aaj Falak Mein,
Ye Kiski Badolat,
Chehre Par Muskaan Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
Wo Kaun Hai Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai,
Jiski Rahmat Se Hota Har Ek Kaam Hai,
Jiski Rahmat Se Hota Har Ek Kaam Hai,
Mera Shyam Hai, Mera Shyam Hai,
Wo Kaun Hain Jisne Ham Ko Di Pahchaan Hai,
Koi Aur Nahi Wo Khatu Wala Shyam Hai ||
खाटू श्याम धाम तक कैसे पहुंचे? खाटू के नजदीक रींगस के लिए बस सेवा, रेल सेवा और हवाई सेवा कैसे उपलब्ध हो सकती है? यह सवाल खाटू श्यामजी मेले में आने से पहले हर भक्त के मन में उठता है।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
खाटू धाम के लिए उपलब्ध साधनों की जानकारी इस पोस्ट में हम आपको बातएंगे । यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर है। इनमें कुछ बदलाव संभव है। इसलिए सलाह है कि खाटू मेले में आने से पहले संबंधित एजेंसी से अधिकारिक जानकारी आवश्यक प्राप्त कर लें।
राजस्थान के अलावा दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कलकत्ता, मध्यप्रदेश सहित देशभर भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बाबा के निशान लिए पदयात्री खाटू धाम, रींगस, जयपुर-बीकानेर हाइवे पर नजर आने लगे है। अनुमान है कि खाटू मेले—2023 में 25 लाख से ज्यादा भक्त बाबा श्याम के दर्शन करने आएंगे।
खाटू धाम में कार पार्किंग
खाटू धाम पहुंचने के लिए बहुत से भक्त अपने निजी साधनों का उपयोग करते है। मेले में भक्तों की संख्या अधिक होने से रींगस के आसपास पार्किंग की व्यवस्था रहती है। आप यहां अपना निजी वाहन पार्क कर सकते है। यदि आप वाया जीणमाता या अन्य रास्ते से आ रहे है तो मेला स्थल से दूर पार्किंग की सुविधाएं मिल जाएगी। खाटू में भी सरकारी कार पार्किंग है। इसके अलावा निजी स्तर पर भी कार पार्किंग की सुविधाएं उपलब्ध है।
खाटू धाम के लिए बस सेवा
खाटू धाम के सबसे नजदीक बस स्टैंड रींगस है। इसके बाद सीकर, जयपुर और चूरू, झुंझूनं है। ये शहर सभी बड़े शहरों से बस सेवा से जुड़े है। यहां से आपको थोड़े—थोड़े अंतराल पर बस सुविधा मिल जाएगी। जयपुर से रींगस और सीकर के लिए हर आधे घंटे में बस सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा निजी बसों का भी संचालन मेले के दौरान काफी होता है।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
ट्रेन के जरिए ऐसे पहुंचें खाटू
खाटूश्यामजी के सबसे नजदीक रींगस रेलवे स्टेशन है। अभी रींगस के लिए करीब 30 ट्रेनें चल रही हैं। मेले के दौरान स्पेशल 4 ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई है। हिसार-जयपुर पैैसेंजर ट्रेन भी चल रही है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों से जयपुर के लिए भी ट्रेनें हैं। आप जयपुर पहुंचकर यहां से पैसेंजर ट्रेन से रींगस पहुंच सकते है। यहां से खाटू स्थानीय साधन या पैदल पहुंच सकते है।
खाटूश्यामजी के सबसे नजदीक रींगस रेलवे स्टेशन है। अभी रींगस के लिए करीब 30 ट्रेनें चल रही हैं।
मेले के दौरान स्पेशल 4 ट्रेनें चलाई जाती है। हिसार-जयपुर पैैसेंजर ट्रेन भी चल रही है।
दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों से जयपुर के लिए भी ट्रेनें हैं।
देशभर की बात करें तो रोज 152 ट्रेन जयपुर आती हैं। यहां पहुंचने के बाद खाटू पहुंचने के कई विकल्प हैं।
जयपुर से सीधे पैसेंजर ट्रेन रींगस के लिए जाती है।
प्लेन के जरिए ऐसे पहुंचें खाटू
आप देश के किसी भी हिस्से में हों, प्लेन के जरिए जयपुर पहुंच सकते हैं। जयपुर एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर सीधे खाटूश्यामजी दर्शनों के लिए जा सकते हैं। या फिर सांगानेर एयरपोर्ट से सिंधी कैम्प या रेलवे स्टेशन पहुचकर यहां से बस या रेल से रींगस-खाटू पहुंच सकते है। जयपुर से खाटू श्याम मंदिर करीब 90 किमी. दूर है।
रींगस से करें बाबा श्याम की पदयात्रा
खाटू से पहले रींगस मोड़ से श्रद्धालु पदयात्रा शुरू करते हैं। रींगस से करीब 18 किलोमीटर दूर खाटूधाम है। आप बस, ट्रेन, प्लेन से कहीं से भी आ रहे है तो रींगस मोड़ से पदयात्रा शुरू कर सकते हैं। भक्त यहीं से निशान लेकर बाबा के दर तक जाते हैं। निशान की अपनी एक अलग ही मान्यता होती है। मेले के दौरान रींगस मार्ग को वन-वे कर दिया जाता है।
रींगस में है भैंरूजी का मंदिर
रींगस में भैंरूजी का फेमस मंदिर है। आमतौर पर श्याम बाबा के भक्त यहां भी दर्शन करने पहुंचते है।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
कौन है खाटूश्यामजी : खाटू श्यामजी भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। महाभारत के भीम के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरिक थे। बर्बरीक को ही बाबा खाटू श्याम कहते हैं। इनकी माता का नाम हिडिम्बा है।
चलिए जानते है की वो अन्य 11 नाम क्या हैं जिनसे हम खाटू नरेश को बुलाते है और उन नामों के पीछे का कारण क्या है |
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
बर्बरीक
महाभारत के समय अत्यधिक बलवान गदाधारी भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह नाग कन्या मौरवी या मौर्वी से हुआ था। घटोत्कच और मौरवी की संतान बर्बरीक हुई। जो आगे चलकर श्याम के नाम से प्रसिद्ध हुए।
मोर्वी नंदन
मौर्वी (कामनकंता) की संतान होने के कारण बर्बरीक यानि श्याम बाबा को मौरवी नंदन या मौर्वी नंदन कहा जाता है। खाटू श्याम मेले के दौरान मौर्वी नंदन के जैकार खूब गूंजते है।
तीन बाण धारी
बर्बरीक अपने दादा और पिता की तरह वीर यौद्धा थे। वीर बर्बरीक के पास तीन बाण ऐसे थे जिससे वे संपूर्ण ब्रह्माण्ड को जीत सकते थे। इस लिए श्याम बाबा को तीन बाणधारी कहा जाता है। उनके जैसा संपूर्ण लोक में को धनुर्धर न तो था और न ही आज तक हुआ है।
शीश के दानी
महाभारत युद्ध के दौरान जब बर्बरीक अपनी मां से आशिर्वाद लेने पहुंचे तब मां ने उनसे हारे पक्ष का साथ देने का वचन लिया। यानि जिसकी युद्ध में हार होगी, वे उसकी तरफ से लड़ेंगे। भगवान श्रीकृष्ण सर्वव्यापी थे। उन्होंने पता था कि हार कौरवों की होनी है, ऐसे में बर्बरीक उनकी तरफ से युद्ध लड़ेंगे तो स्थिति बदल सकती है। ऐसे में उन्होंने ब्राह्मण का वेश धारण किया और फिर शीश मांग लिया। बर्बरीक ने अपना शीश दान कर दिया। इस कारण श्याम बाबा को शीश का दानी कहा जाता है।
श्रीश्याम
श्री कृष्ण ने बर्बरीक को शीश दान मांगने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि युद्ध आरम्भ होने से पूर्व युद्धभूमि पूजन के लिए तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ क्षत्रिय के शीश की आहुति देनी होती है। इसलिए ऐसा करने के लिए वे विवश थे। बर्बरीक ने उनसे प्रार्थना की कि वे अन्त तक युद्ध देखने और अपना नाम उन्हें देने की प्रार्थना की। श्री कृष्ण ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। श्री कृष्ण इस बलिदान से प्रसन्न होकर बर्बरीक को युद्ध में सर्वश्रेष्ठ वीर की उपाधि से अलंकृत किया।साथ ही अपना नाम श्याम भी उन्हें दिया।
कलियुग के अवतारी
भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें श्याम नाम देने के साथ ही यह भी वरदान दिया कि वे कलियुग में पूजे जाएंगे। इसलिए उन्हें कलियुग का अवतारी भी कहा जाता है। अभी कलियुग चल रहा है और ऐसे में श्याम बाबा भक्तों की आस्था के केंद्र है। हर साल लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दरबार में आकर हाजिरी लगाते है।
लीले का अश्वार
श्याम बाबा को लीले का अश्वार कहा जाता है। दरअसल, वीर बर्बरीक के पास नीले रंग का घोड़ा था। नीले रंग को स्थानीय भाषा में लीला भी कहा जाता है। इस लिए उन्हें नीले के अश्वार या लीले के अश्वार कहा जाता है।
लखदातार
श्याम बाबा की महिमा निराली है। कहा जाता है कि जिस पर श्याम बाबा की कृपा होती है, वह हर तरह से संपन्न हो जाता है। इस मान्यता के चलते श्याम बाबा को लखदातार कहा जाता है। यहीं वजह है कि श्याम बाबा के भक्तों में जहां सामान्य व्यक्ति भी है तो अमीर से अमीर। श्याम जी के मेले में पश्चिम बंगाल, आसाम, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात आदि से बड़ी संख्या में भक्त आते है।
हारे का सहारा
जब सब जगह से निराश व्यक्ति श्याम बाबा की भक्ति में लीन हो जाता है तो उसके समस्त दुख और पाप समाप्त हो जाते है। इसलिए श्याम बाबा को हारे का सहारा कहा जाता है।
खाटू नरेश
श्याम बाबा खाटू के शासक है। इसलिए उन्हें खाटू नरेश कहते है।
मोरछड़ी धारक
श्याम बाबा को चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए श्रीकृष्ण की प्रिय वस्तु मोरपंखी, बांसुरी भी उनको प्रिय है। मोरछड़ी रखने के कारण उन्हें मोरछड़ी धारक कहा जाता है।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
खाटू श्याम बाबा की आरती | Khatu shyam baba ki aarti-
खाटू श्याम जी की आरती का महत्व | Khatu Shyam Ji Ki Aarti ka mahatva-
अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि खाटू श्याम बाबा की आरती को पढ़ने के क्या महत्व है तो हम आप लोगों को बता दें कि श्री खाटू श्याम जी की आरती का पाठ करने से आपके घर में सुख समृद्धि आती है अगर आप लोग खाटू श्याम बाबा की आरती पढ़ते हैं तो खाटू श्याम बाबा अपने सभी भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति करवाते हैं.
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
जो भी व्यक्ति खाटू श्याम बाबा का निरंतर जाप करता है उसके जीवन में सकारात्मकता आती रहती है हमारे हिंदू धर्म की कथाओं के अनुसार सर कहा गया है कि श्री कृष्ण ने वरदान देते हुए कहा था कि तुम्हारे नाम मात्र के जाप से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाएंगे।
श्याम बाबा की आरती के लाभ | Shyam Baba ki aarti ke Labh-
खाटू श्याम बाबा पूजा विधि-
श्री खाटू श्याम बाबा की पूजा के लिए सबसे पहले प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा के स्थान को साफ कर लें और उस पर आसन बिछाएं। आसन पर बैठकर श्री श्याम बाबा का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
अब श्री श्याम बाबा को पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन, धूप और दीप अर्पित करें। फिर श्री श्याम बाबा के मंत्रों का जाप करें। श्री श्याम बाबा के कुछ प्रमुख मंत्र हैं -
मंत्रों का जाप करने के बाद श्री श्याम बाबा की आरती करें। आरती के बाद श्री श्याम बाबा को भोग लगाएं। भोग के लिए आप श्री श्याम बाबा को चूरमा, शक्करपाड़ा, बेसन के लड्डू, घी-शक्कर और दूध का भोग लगा सकते हैं।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
भोग लगाने के बाद श्री श्याम बाबा से अपनी मनोकामना पूछें और उनका आशीर्वाद लें।
अन्य बातें:
खाटू श्याम ने शीश का दान किया था हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वह बहुत ही वीर योद्धा थे और उन्हें दुर्गा माता से विजय होने का वरदान भी प्राप्त हुआ था क्योंकि वह प्राणों की प्रवाह किए बिना अपना सिर धड़ से अलग करने वाले बर्बरीक से प्रसन्न होकर |
उन्हें श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था कि तुम कलयुग में उनके श्याम नाम से जाने जाओगे ऐसा कहा जाता है कि कलयुग में जो भी व्यक्ति उनका नाम लेता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और नीले घोड़े की सवारी करने वाले खाटू श्याम बाबा को हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से भी जाना जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि खाटू श्याम बाबा की पूजा और आरती करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम की आरती के बारे में बताने वाले हैं.
खाटू श्याम की पूजा विधि-
कौन हैं बाबा खाटू श्याम-
बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
खाटूश्याम जी की कहानी-
खाटूश्यामजी की कहानी महाभारत काल से शुरू होती है जिस वक़्त उनका नाम बर्बरीक था। बर्बरीक ,भीम का पौत्र और घटोत्कच का पुत्र था। बर्बरीक बचपन से ही बहुत वीर योद्धा था जिसने अपनी माँ से युद्ध कला सीखी थी। भगवान शिव ने बर्बरीक से प्रस्सन होकर उसे तीन अचूक बाण दिए जिसकी वजह से बर्बरीक को तीन बाण धारी कहा जाने लगा। उसके बाद अग्नि देव ने बर्बरीक को एक तीर दिया जिससे वो तीनो लोको पर विजय प्राप्त कर सकता था। जब बर्बरीक को पता चला कि पांड्वो और कौरवो के बीच युद्ध अटल है तो वो महाभारत युद्ध का साक्षी बनना चाहता था। उसने अपनी माँ को वचन दिया कि वो युद्ध में भाग लेने की इच्छा रखता है और वो हारने वाली सेना की तरफ से लड़ना चाहता है। इसके बाद बर्बरीक नील घोड़े पर सवार होकर अपने तीन बाण लेकर युद्ध के लिए रवाना हो गया।
रास्ते में श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश धारण कर बर्बरीक को रोका ताकि वो उसकी शक्ति की परीक्षा ले सके | उन्होंने बर्बरीक को उकसाया कि वो वो केवल तीन तीरों से युद्ध कैसे लड़ेगा | इस बात का जवाब देते हुए बर्बरीक ने कहा कि उसका एक बाण ही दुश्मन की सेना के लिए काफी है और वो वापस अपने तरकश में लौट आएगा | बर्बरीक ने तब श्रीकृष्ण को बताया कि उसके पहले तीर से वो निशान बनाएगा जिसको उसे समाप्त करना है और उसके बाद तीसरा तीर छोड़ने पर उसके निशान वाली सभी चीजे तबाह हो जायेगी | उसके बाद वो तीर वापस तरकश में लौट आएगा | अगर वो दुसरे तीर का प्रयोग करेगा तो पहले तीर से जो भी निशान लगाये थे वो सभी चीजे सुरक्षित हो जायेगी | कुल मिलाकर वो एक तीर से तबाही और एक तीर से रक्षा कर सकता था |
जब श्री कृष्ण को बर्बरीक की शक्ति का पता चला तो उन्होंने बर्बरीक को शक्ति का नामुना देखना चाहा और कहा कि अगर वो जिस पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा है उसके सभी पत्तो को आपस में भेद देगा तो उनको बर्बरीक की शक्ति पर विश्वास हो जाएगा | बर्बरीक ने चुनौती स्वीकार कर ली तथा तीर छोड़ने से पहले ध्यान लगाने के लिए आँखे बंद कर दी | तब श्री कृष्ण से बर्बरीक को पता लगे बिना, पीपल की एक पपत्ती को तोडकर अपने पैरो के नीचे छुपा लिया | जब बर्बरीक ने पहला तीर छोड़ा तो सभी पत्तियों और निशान हो गये और अंत में सभी पत्ते श्री कृष्ण के पैरो के आस पास घुमने लगे |
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
अब श्री कृष्ण ने बर्बरीक से पूछा कि “तीर भी मेरे पैरो के चारो ओर क्यों घूम रहा है ? ” इस पर बर्बरीक ने जवाब दिया कि “शायद आपके पैरो के नीचे एक पत्ती रह गयी है और ये तीर उस छुपी हुयी पत्ती को निशाना बनाने के लिए पैरो के चारो ओर घूम रहा है ” | बर्बरीक ने श्री कृष्ण से कहा “ब्राह्मण राज आप अपना पैर यहा से हटा लीजिये वरना ये तीर आपके पैर को भेद देगा “| श्री कुष्ण के पैर हटते ही उस छुपी हुयी पत्ती पर भी निशान हो गया | उसके बाद बर्बरीक के तीसरे तीर से सारी पत्तिय इकठी हो गयी और आपस में बंध गयी | तब श्री कृष्ण ने समझ लिया कि बर्बरीक के तीर अचूक है लेकिन अपने निशाने के बारे में खुद बर्बरीक को भी पता नही रहता है |
इस घटना से श्री कृष्ण ने ये निष्कर्ष निकाला कि असली रण भूमि में अगर श्रीकृष्ण अगर पांडव भाइयो को अलग अलग कर देंगे और उन्हें कही छिपा देंगे ताकि वो बर्बरीक का शिकार होने से बच जाए तब भी बर्बरीक के तीरों से कोई नही बच पायेगा | इस प्रकार श्री कुष्ण को बर्बरीक की शक्ति का पता चल गया कि उनके अचूक तीरों से कोई नही बच सकता है | तब श्री कृष्ण ने युद्ध में उनकी तरफ से लड़ने का प्रस्ताव दिया | बर्बरीक ने अपनी गुप्त बात उनको बताई कि उसने अपनी माता को वचन दिया है कि वो केवल हार रही सेना की तरफ से लड़ेंगे |
कौरवो को भी बर्बरीक के इस वचन के बारे में पता था इसलिए उन्होंने युद्ध के पहले दिन अपनी ग्यारह अक्षौनी सेना को नही उतारा था ताकि जब कौरवो की सेना पहले दिन पांड्वो से हार जाए तो बर्बरीक कौरवो का सहयोग कर पांड्वो का विनाश कर देगा | इस प्रकार जब वो कौरवो की तरफ से लड़ेगा तो पांड्वो की लड़ रही सेना कमजोर हो जायेगी उसके बाद वो पांड्वो की सेना में चला जाएगा | इस तरह वो दोनों सेनाओ में घूमता रहेगा | श्री कृष्ण को अब लगने लगा था कि अगर बर्बरीक इस युद्ध में शामिल हुआ तो कोई भी सेना नही जीत पायेगी और अंत में कौरव-पांडव दोनों का विनाश हो जायेगा और केवल बर्बरीक शेष रह जाएगा | तब श्री कृष्ण ने विचार किया कि बर्बरीक को रोकने के लिए उनको बर्बरीक से उसकी जान मांगनी होगी |
तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक से दान की मांग की तब बर्बरीक ने कहा “प्रभु आपकी जो इच्छा हो मै आपको देने को तैयार हु ” | श्री कृष्ण ने दान में बर्बरीक का सिर माँगा | बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण की अनोखी मांग को सुनकर चकित रहा गया और इस अनोखी मांग पर उस ब्राह्मण को अपनी असली पहचान बताने को कहा | श्री कृष्ण ने बर्बरीक को अपना विराट रूप दिखाया और बर्बरीक उसे देखकर धन्य हो गया | श्री कृष्ण ने तब बर्बरीक को समझाया कि “रण भूमि में युद्ध से पहले सबसे वीर क्षत्रिय की बलि देनी पडती है इसलिए मै तुमसे तुम्हारा सिर दान में मांग रहा हु और मै तुमको इस धरती का सबसे वीर क्षत्रिय होने का गौरव देता हूं ” |
अपने वादे को निभाते हुए श्रीकृष्ण के आदेश पर बर्बरीक ने अपना सिर दान में दे दिया | ये घटना फागुन महीने के शुक्ल पक्ष के 12 वे दिन हुयी थी | अपनी जान देने से पहले बर्बरीक ने श्री कृष्ण ने अपनी एक इच्छा जाहिर की वो महाभारत युद्ध को अपनी आँखों से देखना चाहता है | श्री कृष्ण ने उसकी ये इच्छा पुरी की और सिर अलग करने के बाद उनके सिर को एक उची पहाडी पर रख दिया जहा से रण भूमि साफ नजर आती थी | वही से बर्बरीक के सिर ने पूरा महाभारत युद्ध देखा था |
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
युद्ध खत्म होने पर जब जीते हुए पांडव भाइयो ने एक दुसरे से बहस करना शूर कर दिया कि युद्ध की जीत का जिम्मेदार कौन है तो श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को इस निर्णय लेने को कहा कि किसकी वजह से पांडव युद्ध जीते | तब बर्बरीक के सिर ने सुझाव दिया कि श्री कृष्ण अकेल ऐसे है जिनकी वजह से महाभारत युद्ध में पांड्वो की जीत हुयी क्योंकि उनकी रणनीति की इस युद्ध में अहम भूमिका थी और इस धर्मं युद्ध में धर्म की जीत हुयी |
महाभारत युद्ध के बाद बर्बरीक के सिर को श्री कृष्ण ने रूपवती नदी में बहा दिया | कई सालो बाद कलयुग की शुरूवात में उनका सिर जमीम में दफन वर्तमान राजस्थान के खाटू गाँव में मिला | कलयुग की शुरवात में इस जगह को छुपाये हुए रखा गया | एक दिन उस जगह पर गाय के थन से अचानक उस जगह पर दूध गिरने लगा | इस चमत्कारी घटना को देखते हुए स्थानीय गाँव वालो ने उस जगह को खोदा और वो सिर बाहर निकाला | उस सिर को एक ब्राह्मण को सौप दिया गया जिसने कई दिनों तक उसकी पूजा की जब तक कि कोई चमत्कार न हो जाये | खाटू के राजा रूप सिंह चौहान को एक सपना आया कि उनको एक मन्दिर बनवाना है जिसमे के सिर को स्थापित करना है | तब मन्दिर का निर्माण शूरू किया गया और फागुन मास की शुक्ल पक्ष के 11 वे दिन उनकी प्रतिमा को स्थापित किया गया |
शीश के दानी की जय, खाटू नरेश की जय।
सेठों का सेठ खाटू नरेश लिरिक्स | Setho Ka Seth Khatu Naresh Lyrics.
सेठों का सेठ खाटू नरेश,सेठों का सेठ खाटू नरेश
सेठों का सेठ खाटू नरेश,सेठों का सेठ खाटू नरेश
सेठों का सेठ खाटू नरेश,सेठों का सेठ खाटू नरेश
सेठों का सेठ खाटू नरेश,सेठों का सेठ खाटू नरेश
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
दुनिया के सेठ फोटोस्टेट, बाबा हमारा सबसे ग्रेट
क्योंकि खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
सेठों का सेठ,खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
घर हो चाहे किराये का,फिर भी यह तेरे घर आएगा।
मन से जोत जलाएगा ,शाम को प्यारे बुलाएगा।
बाबा मेरा सबसे ग्रेट , बुलाने में क्यों तू करता है लेट।
क्योंकि खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
सेठों का सेठ,खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
गाड़ी जो अपनी नहीं है फिर भी यह सोचता नहीं है।
कैसे तूं खाटू जाएगा तेरा बुलावा भी आएगा।
24 घंटे ओपन है गेट ,एक बार खाटू जाकर तो देख।
क्योंकि खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
सेठों का सेठ,खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ
टाटा हो चाहे अंबानी, इनकी भी सुन लो कहानी।
बिरला हो चाहे अदानी बाबा का भरते हैं पानी।
बाबा हमारा सबसे ग्रेट ।दुनिया के सेठ फोटो स्टेट,
क्योंकि खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
सेठों का सेठ,खाटू वाला सेठों का सेठ, सेठों का सेठ,
Setho Ka Seth Khatu Naresh Lyrics. सेठों का सेठ खाटू नरेश लिरिक्स |
Seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh,seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh
Seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh,seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh
Seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh,seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh
Seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh,seṭhon Kaa Seṭh Khaṭuu Naresh
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
Duniyaa Ke Seṭh Phoṭosṭate, Baabaa Hamaaraa Sabase Greaṭ
Kyonki Khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Seṭhon Kaa Seṭh,khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Ghar Ho Chaahe Kiraaye Kaa,phir Bhii Yah Tere Ghar Aaegaa.
Mann Se Jot Jalaaegaa ,Shaam Ko Pyaare Bulaaegaa.
Baabaa Meraa Sabase Greṭ , Bulaane Mein Kyon Tuu Karataa Hai Leṭa.
Kyonki Khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Seṭhon Kaa Seṭh,khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Gaadii Jo Apanii Nahiin Hai Phir Bhii Yah Sochataa Nahiin Hai.
Kaise Tuun Khaṭuu Jaaegaa Teraa Bulaavaa Bhii Aaegaa.
24 Ghanṭe Open Hai Gate , Ek Baar Khaṭuu Jaakar To Dekha.
Kyonki Khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Seṭhon Kaa Seṭh,khaṭuu Vaalaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh
Ṭaṭa Ho Chahe Ambani, Inki Bhii Sun Lo Kahaanii.
Birala Ho Chaahe Adani Baba Kaa Bharate Hain Paanii.
Baba Hamaara Sabase Greaṭ, Duniyaa Ke Seṭh Phoṭo Sṭaṭe,
Kyonki Khaṭuu Valaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh,
Seṭhon Kaa Seṭh,khaṭuu Valaa Seṭhon Kaa Seṭh, Seṭhon Kaa Seṭh
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
तुम ही श्याम अपने सगरे पराये लिरिक्स | Tumhi Shyam Apne Sgre Praye Lyrics.
तुम ही श्याम अपने सगरे पराये,
काम पड़ा तो तुम्ही श्याम आये,
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
कहते थे खुद को जो जीवन के संगी,
बदले गा जमाना बदले गये ना कभी,
भागे जुरेन भागे सूरज उगाहे,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने.......
दुनिया के मेले में तुमको भुलाया,
कभी नाम तेरा जुबा पे ना लाया,
फिर भी पुकार सुन तुम दोह्ड़े आये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने.......
अच्छा हुआ जो बुरा वक़्त आया,
अपने पराये को मैं जान पाया,
टुटा बरम चलो गंगा नहाये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने.......
अनमोल है तेरी दया के फसाने,
तू हा अजब तेरे अजब है दीवाने,
नंदू दीवानों के संग अलख जगाये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने.......
Tumhi Shyam Apne Sgre Praye Lyrics. तुम ही श्याम अपने सगरे पराये लिरिक्स |
Tum Hii Shyaam Apane Sagare Paraaye,
Kaam Padaa To Tumhii Shyaam Aaye,
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈
Kahate The Khud Ko Jo Jiivan Ke Sangii,
Badale Gaa Jamaanaa Badale Gaye Naa Kabhii,
Bhaage Juren Bhaage Suuraj Ugaahe,
Kaam Padaa To Tumhii Kaam Aaye,
Tum Hii Shyaam Apane.......
Duniyaa Ke Mele Men Tumako Bhulaayaa,
Kabhii Naam Teraa Jubaa Pe Naa Laayaa,
Phir Bhii Pukaar Sun Tum Dohde Aaye,
Kaam Padaa To Tumhii Kaam Aaye,
Tum Hii Shyaam Apane.......
Achchhaa Huaa Jo Buraa Vakat Aayaa,
Apane Paraaye Ko Main Jaan Paayaa,
Ṭuṭaa Baram Chalo Gangaa Nahaaye,
Kaam Padaa To Tumhii Kaam Aaye,
Tum Hii Shyaam Apane.......
Anamol Hai Terii Dayaa Ke Phasaane,
Tuu Haa Ajab Tere Ajab Hai Diivaane,
Nanduu Diivaanon Ke Sang Alakh Jagaaye,
Kaam Padaa To Tumhii Kaam Aaye,
Tum Hii Shyaam Apane.......
अभी डाउनलोड करें खाटू श्याम ऐप और घर बैठे पाए खाटू श्याम का आशीर्वाद !!-Click Here👈