एक नगर में मुचुकुंडा नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी एक पुत्री थी जिसका नाम चंद्रभागा था। राजा ने बहुत धूम धाम से अपनी बेटी चंद्रभागा का विवाह राजा चंद्रसेन के बेटे शोभन के साथ कर दिया। राजा मुचुकुंडा भगवान विष्णु के परम भक्त थे। वह हर साल रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का व्रत रखते थे और इस व्रत का उपवास करने के लिए पूरे राज्य में निर्देश दिए गए थे। इस नियम का पालन सभी को करना होता था। इस नियम को कोई भी तोड़ नहीं सकता था। उनकी पुत्री भी इस रमा एकादशी का व्रत पूरे विधि – विधान से करती थी।
लेकिन राजकुमार शोभन इन सभी बात से अनजान थे और उनकी एक कमजोरी भी थी कि वह ज्यादा देर तक भूखे नहीं रह सकते थे। शादी के कुछ समय बाद राजकुमार शोभन कृष्ण पक्ष के समय राजा मुचुकुंडा के राज्य में आये। इसी बीच रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का पर्व आ गया। उसके ससुराल में सभी लोग इस व्रत का पालन निष्ठा से करते थे। इसलिए उन्हें भी कहा गया कि आप भी यह व्रत करें। शोभन इस बात से चिंतित हो गए कि इस व्रत का पालन कैसे होगा। क्योंकि वह भूखे नहीं रह सकते थे।
उन्होंने इसके बारे में जब अपनी पत्नी से बात की तो, उन्होंने कहा कि वह इसके लिए कुछ नहीं कर सकतीं। क्योंकि इस दिन मनुष्यों के साथ साथ पशु भी अन्न ग्रहण नहीं करते हैं। इसलिए आप व्रत रखिये अन्यथा राज्य के बाहर जाइये। इस पर शोभन उनकी बात मान गए और कहा कि वह यहीं रहेंगे और साथ ही व्रत भी करेंगे।
वह अपने बीमार और कमजोर शरीर के साथ उपवास करने लगे। लेकिन शोभन पहले से ही दुर्बल थे ऊपर से उन्हें भूख भी बर्दास्त नहीं हो रही थी। जिसकी वजह से आधी रात को उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन रमा एकादशी (Rama Ekadashi) उपवास करने के कारण उन्होंने स्वर्ग और अद्वितीय महान साम्राज्य प्राप्त किया। चूँकि उनसे यह उपवास जबरदस्ती करवाया जा रहा था इसलिए प्राप्त साम्राज्य अदृश्य हो गया था।
एक समय एक ब्राह्मण मुचुकुंडा साम्राज्य से बाहर निकले और उन्होंने शोभन और उसके राज्य को देखा। इन सब चीजों को देखकर वह आश्चर्य चकित हो गए। राजकुमार शोभन ने उनको पूरा वृतांत सुनाया और कहा कि वह उनकी पत्नी को भी यह सब बता दें। ब्राह्मण वापस लौटकर राजकुमार की पत्नी चंद्रभागा को सब कुछ बता दिया। चंद्रभागा जो बचपन से ही इस रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का व्रत कर रही थी। उस व्रत से प्राप्त लाभ से चंद्रभागा ने अदृश्य साम्राज्य को वास्तविकता में बदल दिया। इस तरह दोनों साथ में आ गए और आनंदमय जीवन यापन शुरू कर दिया।