रमा एकादशी की व्रत विधि
1. रमा एकादशी (Rama Ekadashi) व्रत का पालन दशमी के दिन से ही करें।
2. दशमी के दिन दोपहर के बाद कुछ भी नहीं खाएं।
3. प्रातः काल में उठकर नित्यकर्मों से मुक्त हो जाएँ।
4. उसके बाद स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
5. भगवान् विष्णु की पूजा करें।
6. भगवान को तुलसी के पत्ते, धूप, दीप, फूल और फल अर्पित करें।
7. भजन-कीर्तन करते हुए रात्रि में जागरण करें।
8. द्वादशी के दिन सुबह विधि पूर्वक पूजा करने के बाद ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराएं और सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें।
9. उसके बाद भोजन करके व्रत का पारण करें।
रमा एकादशी की पारण विधि
पारण का अर्थ है व्रत तोड़ना। द्वादशी तिथि समाप्त होने के भीतर ही पारण करें। द्वादशी में पारण न करना अपराध के समान है। व्रत तोड़ने से पहले हरि वासरा के खत्म होने का इंतजार करें, हरि वासरा के दौरान पारण नहीं करना चाहिए। मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचें। व्रत तोड़ने का समय प्रात:काल है। किसी कारणवश प्रात:काल के दौरान व्रत नहीं तोड़ पाते हैं तो मध्याह्न के बाद व्रत ख़तम करें।