परिवर्तिनी एकादशी व्रत (Parivartini Ekadashi Vrat) पूजा विधि
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत और पूजन, जिसे पार्श्व एकादशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है, ब्रह्मा, विष्णु समेत तीनों लोकों की पूजा के समान है। इस व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
● एकादशी का व्रत रखने वाले मनुष्य को व्रत से एक दिन पूर्व दशमी तिथि पर सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए और रात्रि में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए।
● व्रत वाले दिन प्रात:काल उठकर भगवान का ध्यान करें और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष घी का दीप जलाएं।
● भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी, ऋतु फल और तिल का उपयोग करें। व्रत के दिन अन्न ग्रहण ना करें। शाम को पूजा के बाद फल ग्रहण कर सकते हैं।
● व्रत के दिन दूसरों की बुराई करने और झूठ बोलने से बचें। इसके अतिरिक्त तांबा, चावल और दही का दान करें।
● एकादशी के अगले दिन द्वादशी को सूर्योदय के बाद पारण करें और जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन व दक्षिणा देकर व्रत खोलें।